Brain Strokes : जानें इसके कारण, लक्षण और बचाव के तरीके

Pooja Joshi

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Brain Stroke Causes And Symptoms
कोरोना के बाद ब्रेन स्ट्रोक (brain stroke) के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। देखा जाए तो स्ट्रोक तब होता है जब ब्रेन के एक हिस्से में प्रोपर ब्लड सर्कुलेशन (blood circulation) नहीं हो पाता है। इसके कारण ब्रेन सेल्स तक ऑक्सीजन और जरूरी न्यूट्रीशंस की कमी हो सकती है, जिससे इंसान की मृत्यु तक हो सकती है।
तो क्या स्ट्रोक आने से पहले कुछ चेतावनी लक्षण दिखाई देते है (warning signs of stroke), स्ट्रोक कितने प्रकार के होते है (types of stroke), जिसमें ब्रेन स्टोक होने के प्रमुख कारण क्या है (causes of brain stroke), और इससे बचाव के क्या तरीके है (Brain Stroke Prevention) इन सभी सवालों के जवाब आपको इस आर्टिकल में मिल जाएंगे।

ब्रेन स्ट्रोक कितने तरह का होता है? (Types of Brain Strokes)

इस्केमिक स्ट्रोक (Ischemic stroke): इस्केमिक स्ट्रोक सबसे आम प्रकार स्ट्रोक है, जो सभी स्ट्रोक का लगभग 87% है। ये तब होता हैं जब ब्लड क्लॉट blood clot या प्लाक का निर्माण plaque buildup ब्रेन को ब्लड सप्लाई करने वाली धमनी यानि आट्री को संकीर्ण या ब्लॉक कर देता है। यह ब्रेन की सेल्स को ऑक्सीजन और न्यूट्रीशंस से वंचित कर देता है, जिससे टिश्यू डैमेज होते है।
हेमोरेजिक स्ट्रोक (Hemorrhagic stroke): इस स्ट्रोक के मामले कम होते है, लेकिन अक्सर अधिक गंभीर होते हैं। ये ब्रेन में मौजूद किसी ब्लड वेसल के फटने के परिणामस्वरूप होते हैं, जिससे आसपास के टिश्यूज में ब्लीडिंग होने लगती है। यह ब्लीडिंग खोपड़ी के भीतर दबाव बढ़ा सकता है, जिसकी वजह से ब्रेन सेल्स और टिश्यूज को नुकसान पहुंच सकता है।
ट्रांजिएंट इस्केमिक अटैक (TIA): इसे “मिनी-स्ट्रोक” के रूप में जाना जाता है। इस तरह का स्ट्रोक ब्लड क्लॉट या धमनी में प्लाक जमा होने के कारण आई रुकावट की वजह से होता है। उनमें इस्केमिक स्ट्रोक के समान लक्षण होते हैं, लेकिन आमतौर पर केवल कुछ मिनटों तक रहते हैं और स्थायी क्षति नहीं पहुंचाते हैं। हालांकि, टीआईए संभावित बडेे स्ट्रोक के चेतावनी संकेत हैं और इन्हें नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

ब्रेन स्ट्रोक के कारण (Causes of Brain Strokes)

हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension): अनियंत्रित हाई ब्लड प्रेशर स्ट्रोक का प्रमुख कारण है। यह ब्लड वेसल्स वॉल्स को कमजोर कर सकता है, जिससे उनके टूटने या blood clots बनने की संभावना अधिक हो जाती है।
एट्रियल फ़िब्रिलेशन (एएफआईबी): एएफ़आईबी एक अनियमित हार्ट रिदम है जिसके कारण हार्ट में ब्लड जमा हो सकता है, जिससे क्लॉट यानि ब्लड के थक्के बन सकते हैं। यदि कोई थक्का मस्तिष्क तक चला जाता है, तो यह स्ट्रोक को ट्रिगर कर सकता है।
स्मोकिंग: स्मोकिंग रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है, जिससे ब्लड क्लॉट का खतरा बढ़ जाता है, और ब्लड द्वारा ले जाने वाली ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है, ये सभी स्ट्रोक के जोखिम में योगदान कर सकते हैं।
डायबिटीज: डायबिटीज Diabetes से पीड़ित लोगों में हाई बीपी और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसे अन्य रिस्क फैक्टर विकसित होने की संभावना के कारण स्ट्रोक का खतरा अधिक होता है।
हाई कोलेस्ट्रॉल: एलडीएल कोलेस्ट्रॉल LDL cholesterol के हाई लेवल से धमनियों (एथेरोस्क्लेरोसिस) में फैट जमा हो सकता है, जिससे रुकावट और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
फैमिली हिस्ट्री: कुछ परिवारों में जेनेटिक स्वास्थ्य कारणों जैसे ब्लड प्रेशर के कारण स्ट्रोक का खतरा ज्यादा होता है। जिसमें पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में स्ट्रोक का खतरा ज्यादा होता है।

स्ट्रोक के चेतावनी लक्षण (Warning Signs of a Stroke)

  • हाथ, पैर और चेहरे का सुन्न पड़ना
  • कमजोरी महसूस होना
  • बोलने में दिक्कत 
  • दूसरों को समझने में समस्या
  • रेस्पोंस ना दे पाना
  • व्यवहार में अचानक बदलाव आना
  • विजन संबंधी समस्याएं
  • चलने-फिरने में दिक्कत होना
  • चक्कर आना
  • अचानक और बिना किसी कारण के गंभीर सिरदर्द होना
  • मिर्गी के दौरे पड़ना
  • उल्टी और मितली आना

ब्रेन स्ट्रोक से कैसे करें बचाव (Brain Stroke Prevention)

  • स्मोकिंग से बचें
  • अल्कोहल का सेवन ना करें
  • बेलेंस डाइट लें
  • ज्यादा फैटी फूड ना खाए
  • नमक का सेवन कम करें
  • ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रखें
  • वजन कंट्रोल में रखें

FAQs

 

ब्रेन स्ट्रोक के बाद मरीज को कैसे बचाया जा सकता है?

जब एक्यूट ब्रेन स्ट्रोक होता है, तब एक गोल्डन पीरियड होता है, जो लगभग 4 या साढ़े चार घंटे का होता है। इस गोल्डन पीरियड में अगर मरीज को एक खास प्रकार की दवा दे दी जाए तो मरीज बच सकता है।

क्या आप स्ट्रोक होने के बाद सामान्य जीवन जी सकते हैं? 

मेडिकल ट्रीटमेंट, अपने डॉक्टर के साथ रेगुलर कम्यूनिकेशन और लाइफस्टाइल में बदलाव का कॉम्बीनेशन स्ट्रोक से बचे लोगों को ठीक होने और नॉर्मल हेल्दी लाइफ जीने की राह पर ला सकता है।

निष्कर्ष: ब्रेन स्ट्रोक विश्वभर में मृत्यु का एक बहुत बड़ा कारण है। ब्रेन स्ट्रोक से बचाव के लिए जरूरी है कि हम इसके लक्षणों को पहचान कर जल्दी से जल्दी सही इलाज करवाएं। साथ ही अपनी लाइफस्टाइल और खानपान को लेकर सतर्क रहें।

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