स्कंदमाता की है चार भुजाएं और तीन आंखें
विशुद्धा चक्र तक लगाए मन
मां स्कंदमाता के मंत्रः (maa Skandmata mantra)
ॐ ह्रीं सः स्कंदमात्रये नमः , इस मंत्र का 108 बार जाप करें।
वन्दे वाञ्छित कामार्थे चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
सिंहरूढ़ा चतुर्भुजा स्कन्दमाता यशस्विनीम्।।
धवलवर्णा विशुध्द चक्रस्थितों पञ्चम दुर्गा त्रिनेत्राम्।
अभय पद्म युग्म करां दक्षिण उरू पुत्रधराम् भजेम्।।
पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालङ्कार भूषिताम्।
मञ्जीर, हार, केयूर, किङ्किणि, रत्नकुण्डल धारिणीम्।।
प्रफुल्ल वन्दना पल्लवाधरां कान्त कपोलाम् पीन पयोधराम्।
कमनीयां लावण्यां चारू त्रिवली नितम्बनीम्।।
पांचवें दिन का रंग: क्रीम
पांचवें दिन का प्रसादः केसर पिश्ता वाला श्रीखंड
स्कंदमाता की आरती
जय स्कन्द माता , ॐ जय स्कन्द माता ।
शक्ति भक्ति प्रदायिनी, सब सुख की दाता ।। ॐ जय स्कन्द माता ।।
कार्तिकेय की हो माता , शंभू की शक्ति ।
भक्तजनों को मैया, देना निज भक्ति ।। ॐ जय स्कन्द माता ।।
चार भुजा अति सोहे ,गोदी में स्कन्द ।
द्या करो जगजननी, बालक हम मतिमन्द ।। ॐ जय स्कन्द माता ।।
शुभ्र वर्ण अति पावन ,सबका मन मोहे ।
होता प्रिय माँ तुमको, जो पूजे तोहे ।। ॐ जय स्कन्द माता ।।
स्वाहा स्वधा ब्रह्माणी , राधा रुद्राणी ।
लक्ष्मी शारदे काली, कमला कल्याणी ।। ॐ जय स्कन्द माता ।।
काम क्रोध मद , मैया जगजननी हरना ।
विषय विकारी तन मन, को पावन करना ।। ॐ जय स्कन्द माता ।।
नवदुर्गो में पंचम , मैया स्वरूप तेरा ।
पाँचवे नवरात्रे को, होता पूजन तेरा ।। ॐ जय स्कन्द माता ।।
तू शिव धाम निवासिनी, महाविलासिनी तू ।
तू शमशान विहारिणी, ताण्डव लासिनी तू ।। ॐ जय स्कन्द माता ।।