Mahashivratri 2025 date and pooja vidhi: यूं तो हर माह मासिक शिवरात्रि (Masik shivratri) मनाई जाती है। लेकिन फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर पड़ने वाली शिवरात्रि (shivratri) का अपना एक विशेष महत्व है। भगवान भोलेनाथ (Lord shiva) को समर्पित इस दिन को महाशिवरात्रि (mahashivratri) के नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि शिवरात्रि के दिन जो कोई भगवान महादेव का सच्चे मन से पूजा करता है, तो भगवान शिव उसकी हर इच्छा पूर्ण करते हैं।
Mahashivratri 2025 date and pooja vidhi
महाशिवरात्रि 2025 तारीख ( Maha Shivratri 2025 date)
महाशिवरात्रि 2025 पूजा का शुभ मुहूर्त (Maha Shivratri 2025 Shubh Muhurt)
महाशिवरात्रि के चार प्रहर के मुहूर्त
- महाशिवरात्रि निशिता काल पूजा समय- 27 फरवरी को मध्यरात्रि 12 बजकर 27 मिनट से रात 1 बजकर 16 मिनट तक
- रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय – 06:43 PM से 09:47 PM
- रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय – 09:47 PM से 12:51 AM (27 फरवरी 2025)
- रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय – 12:51 AM से 03:55 AM (27 फरवरी 2025)
- रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय – 03:55 AM से 06:59 AM (27 फरवरी 2025)
- शिवरात्रि पारण समय- 27 फरवरी को सुबह 6 बजकर 59 मिनट से सुबह 8 बजकर 54 मिनट तक
महाशिवरात्रि 2025 शुभ योग (Mahashivratri 2025 shubh yog)
महाशिवरात्रि (mahashivratri) पर वर्ष 1965 के बाद सूर्य, बुध व शनि ये तीनों ग्रह के कुंभ राशि में विद्यमान होने से त्रिग्रही योग बन रहा है। करीब 31 वर्ष बाद महाशिवरात्रि पर बुधादित्य योग भी रहेगा। ग्रहों-गोचरों का यह संयोग आध्यात्मिक उन्नति और मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि प्रदान करेगा। इसके अलावा इस योग में शिव पूजन करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है।
महाशिवरात्रि पूजन विधि (Mahashivratri poojan vidhi)
महाशिवरात्रि मंत्र (Mahashivratri mantra)
- ॐ ऊर्ध्व भू फट्
- ॐ नमः शिवाय
- ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय
- ॐ इं क्षं मं औं अं
- ॐ प्रौं ह्रीं ठः
- ॐ नमो नीलकण्ठाय
- ॐ पार्वतीपतये नमः
- ॐ पशुपतये नम:
- ॐ अघोराय नम:
- ॐ शर्वाय नम:
- ॐ विरूपाक्षाय नम:
- ॐ विश्वरूपिणे नम:
- ॐ त्र्यम्बकाय नम:
- ॐ कपर्दिने नम:
- ॐ भैरवाय नम:
- ॐ शूलपाणये नम:
- ॐ ईशानाय नम:
- ॐ महेश्वराय नम:
इस मंत्र में भगवान के 10 नाम हैं जिन्हें जपने से हर इच्छा पूर्ण होती है और मोक्ष की प्राप्त होती है।
ॐ तत्पुरुषाय विदमहे, महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्।
इसे रुद्र गायत्री मंत्र कहा जाता है। इसे महाशिवरात्रि ही नहीं बल्कि प्रतिदिन जपने से जिंदगी के सभी दुख कष्ट दूर होते हैं।
महाशिवरात्रि पर क्या ना करें
• पूजा के दौरान शिवलिंग पर नारियल का पानी नहीं चढ़ाना चाहिए।
• पूजा में सिंदूर शामिल करने से बचना चाहिए।
• शिवलिंग पर भूलकर भी तुलसी पत्र नहीं चढ़ाना चाहिए।
• इसके अलावा शिवलिंग पर हल्दी चढ़ाने से बचना चाहिए।
• तामसिक भोजन जैसे- प्याज, लहसुन, मांस, शराब, इत्यादि से दूर रहना चाहिए।
• व्रत रखने वाले को चावल, दाल और गेहूं से बनी चीजें खाने से परहेज करना चाहिए।