Powerful Hindu Mantras
प्रात: मंत्र
कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वती।
करमूले तु गोविंद: प्रभाते करदर्शनम।।
अर्थ: हथेली के शीर्ष पर देवी लक्ष्मी का निवास है , और हथेली के मध्य में देवी सरस्वती का निवास है, हथेली के नीचे श्री गोविंद का निवास है ; इसलिए प्रात:काल में मैं उनके दर्शन करता हूं।
पृथ्वी क्षमा प्रार्थना
समुद्रवसने देवि पर्वतस्तनमंडिते।
विष्णु पत्नि नमस्तुभ्यं पाद स्पर्शं क्षमस्व मे।।
अर्थ: समुद्ररूपी वस्त्र धारण करने वाली, पर्वतों को धारण करने वाली, और भगवान विष्णु की पत्नी, हे पृथ्वी देवी मैं आपको नमस्कार करता हूं। मेरे पैरों का आपको स्पर्श होगा, इसलिए क्षमायाचना करता हूं।
गायत्री मंत्र
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य।
धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।।अर्थ: प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अपने अन्तःकरण में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग की ओर प्रेरित करें।
मृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥अर्थ : हम भगवान शिव की पूजा करते हैं, जिनके तीन नेत्र हैं, जो सुगंधित हैं और हमारा पोषण करते हैं। जैसे फल शाखा के बंधन से मुक्त हो जाता है वैसे ही हम भी मृत्यु और नश्वरता से मुक्त हो जाएं।
देवी मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥अर्थ: जो देवी सब प्राणियों में शक्ति रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है।
गुरू मंत्र
गुरू ब्रह्मा गुरू विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा।
गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नम: ।।
अर्थ: गुरु ही ब्रह्मा है, गुरु ही विष्णु है और गुरु ही भगवान शंकर है। गुरु ही साक्षात परब्रह्म है। ऐसे गुरु को मैं प्रणाम करता हूं।
ॐ सह नाववतु। सह नौ भुनक्तु।
सह वीर्यं करवावहै।।
तेजस्विनावधीतमस्तु मा विद्विषावहै।
ॐ शांति, शांति, शांतिः।।
अर्थ: परमेश्वर हम शिष्य और आचार्य दोनों की साथ-साथ रक्षा करें। हम दोनों को साथ-साथ विद्या के फल का भोग कराए। हम दोनों एकसाथ मिलकर विद्या प्राप्ति का सामर्थ्य प्राप्त करें। हम दोनों का पढ़ा हुआ तेजस्वी हो। हम दोनों परस्पर द्वेष न करें। उक्त तरह की भावना रखने वाले का मन निर्मल रहता है। निर्मल मन से निर्मल भविष्य का उदय होता है।
ॐ असतो मा सद्गमय।
तमसो मा ज्योतिर्गमय।
मृत्योर्मामृतं गमय ॥
ॐ शान्ति शान्ति शान्तिः ॥अर्थ: मुझे असत्य से सत्य की ओर ले चलो। मुझे अन्धकार से प्रकाश की ओर ले चलो। मुझे मृत्यु से अमरता की ओर ले चलो।
सरस्वती नमस्तुभ्यं, वरदे कामरूपिणी,
विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा।।
अर्थ: हे सबकी कामना पूर्ण करने वाली माता सरस्वती, आपको नमस्कार करता हूं। मैं अपनी विद्या ग्रहण करना आरम्भ कर रहा हूं, मुझे इस कार्य में हमेशा ही सिद्धि मिले”।
शुभम् करोति कल्याणम् आरोग्यम् धन संपदा।
शत्रुबुद्धि विनाशाय दीप ज्योतिर नमो़स्तुते।।अर्थ: शुभ और कल्याण करने वाली, आरोग्य और धन संपदा देने वाली, शत्रु बुद्धि का विनाश करने वाली दीपक की ज्योति को नमस्कार है।
मंत्रोच्चार के लाभ
- याददाश्त और एकाग्रता को बढ़ाएं
- भाषाई कौशल में सुधार करें
- श्वास को कंट्रोल करें
- शांति और इमोशनल स्टेबिलिटी को बढ़ावा दें
- स्ट्रेस कम करें
- मेंटल हेल्थ में सुधार
- सेल्फ कंट्रोल डवलप करें
निष्कर्ष: अगर आपका बच्चा रोजा़ना इन मंत्रों का रोजाना जाप करता है तो वह अंदर से एनर्जेटिक और पॉजिटिव फील करेगा। ऐसे में ये जरूरी है कि हर पेरेंटस अपने बच्चों को अपनी संस्कृति और मंत्रों के बारे में बताए।