Captain Miller Movie Review
‘मकर संक्रांति’ और ‘पोंगल’ के खास मौके पर इस शुक्रवार सिनेमाघरों में ‘ कैप्टन मिलर’ ‘गुंटूर कारम’, ‘हनुमान’, ‘आयलान’ और ‘मेरी क्रिसमस’ जैसी फिल्में रिलीज़ हुई है। जिसमें बात करें Dhanush की फिल्म Captain Miller की तो इसका ट्रेलर देखने के बाद ये फिल्म पहले से सभी के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है।
धनुष का राउडी लुक दर्शकों को काफी आकर्षित कर रहा है। लेकिन अब जब इस शुक्रवार पर ऑडियंस के पास थिएटर जाकर देखने के लिए इतने सारी फिल्मों के ऑप्शन हैं., तो ऐसे में ‘कैप्टन मिलर’ ही देखना चाहिए या नहीं, आइए इस सवाल का जवाब जानते है फिल्म के रिव्यू से। (Captain Miller movie review hindi)
Captain Miller Movie Story
डायरेक्टर और राइटर अरुण माथेसवरन की फिल्म Captain Miller की कहानी 1930 के दशक में सेट है। जिसमें अंग्रेज़ पुलिस को एक ऐसे आदमी की तलाश है जिसके सिर पर 10,000 रुपए का ईनाम है। उस आदमी का नाम है ‘मिलर’। जो कि अंग्रेज़ पुलिस वालों को ढूंढकर मारता है। फिर उनकी जेब से अपना वांटेड वाला पर्चा निकालता है। उनके खून से अपनी उंगलियों को रंगता है। ये सब करने के बाद वो पर्चे पर मिलर के आगे ‘कैप्टन’ लिख कर हवा में गायब हो जाता है। घटना देखने वाले इसी सोच में पड़ जाते हैं कि उसने पुलिस वालों को क्यों मारा? उसकी कोई निजी दुश्मनी थी या बस बस नाम के आगे कैप्टन नहीं लिखा था।
मिलर के गुस्से की वजह इन बातों से कई ज़्यादा गहरी है। वो सिर्फ अंग्रेज़ों का ही दुश्मन नहीं, बल्कि उसके मन में कई सारा सैलाब और गुस्सा उमड़ा पड़ा है। वो जिस गांव में पला-बड़ा, वहां से भी निकाला जा चुका है। तो आखिर कौन है ये ‘कैप्टन मिलर’, जो एक वक्त पर ब्रिटिश मिलिट्री में शामिल हुआ और फिर जाकर उन्हीं का दुश्मन बन गया, फिल्म इसी के इर्द-गिर्द बने ऐसे सभी सवालों के जवाब देने की कोशिश करती है। फिल्म की कहानी को अलग-अलग टाइमलाइन में दिखाया गया है। सिनेमैटोग्राफर सिद्धार्थ न्यूनी ने हर सीन को बखूबी पर्दे पर दिखाया है। फिल्म में आजादी से पहले के भारत को दिखाया गया है। फिल्म के म्यूजिक कंपोजर जीवी प्रकाश है।
Captain Miller Movie क्यूं देखनी चाहिए
फिल्म में एक्शन का भरपूर तड़का मिलेगा। धनुष के साथ बाकी कलाकारों ने भी दमदार परफॉर्मेंस दी है। फिल्म कैप्टन मिलर के स्टारकास्ट की करें (captain miller starcast) धनुष के साथ शिवा राजकुमार, प्रियंका मोहन, अदिति बालन समेत कई कलाकारों ने मुख्य भूमिका निभाई हैं। जिसमें सभी कलाकारों ने उम्दा अभिनय करते हुए अपने किरदार को बखूबी निभाया। फिल्म का फर्स्ट हाफ काफी दिलचस्प है। जिसमें खासकर फिल्म के क्लाइमेक्स में गन्स के सीक्वेंस को दमदार तरीके से दिखाया गया है। अगर आप धनुष और एक्शन फिल्मों के फैन हैं तो इस फिल्म को बिल्कुल मिस ना करें।
Captain Miller Movie के नैगेटिव प्वाइंट
‘कैप्टन मिलर’ ठहराव वाली फिल्म नहीं है। कई बार तो फिल्म के कैरेक्टर म्यूट मोड में आ जाते है, जिससे फिल्म बोरियत का एहसास कराने लगती है। फिल्म में दो बड़े एक्शन सीक्वेंस है – एक कमाल है और दूसरा झिलाऊ किस्म का। एक्शन सीक्वेंसेज में कट-टू-कट काम चलता है, लेकिन इतने तेज़ कट्स के बावजूद वो आपका अटेंशन खींचकर नहीं रख पाते। फिल्म का पहला हाफ आपको बांधकर रखता है! बस दूसरे हाफ में मामला फैलने लगता है! कई सारे किरदार एक साथ आकर मिलते हैं! फिल्म के दूसरे हाफ में कांट-छांट करके कहानी को और दिलचस्प बनाने का स्कोप था। देखा जाए तो फिल्म में एक्टिंग के लिहाज़ से ज़्यादा स्कोप नहीं था। फिर भी धनुष ने अपना पार्ट पूरी ईमानदारी से निभाया।
सारांश:
अगर आपको तमिल फिल्में पसंद है और आप धनुष के फै़न है तो आपको ये फिल्म हरगिज़ मिस नहीं करनी चाहिए। फिल्म में एक्शन सीन्स की भरमार है। जो आपको सीट से उठने का मौका नहीं देगी।