New vs Old Tax Regime, जानें दोनों से कौन-सी साबित होगी फायदे का सौदा

Vishal Purohit

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इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (ITR Filing) करने में भले ही अभी कुछ समय बाकी हो, लेकिन आपके लिए ये जानना बहुत जरूरी है कि इस बार आईटीआर भरना काफी अलग रहेगा। क्यूंकि केंद्र सरकार ने इस फाइनेंशियल ईयर (FY23) से पर्सनल इनकम टैक्स में काफी बदलाव किए हैं। जिसकी घोषणा वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023 में की थी। जिसमें न्‍यू टैक्‍स रिजीम (New Tax Regime) को डिफॉल्ट टैक्स रिजीम बना दिया गया है। जबकि पुरानी टैक्‍स रिजीम (Old Tax Regime) को ऑप्‍शन के तौर पर रखा गया है। यानी, जो टैक्‍सपेयर है उसे अपनी च्वाइस से टैक्स रिजीम चुनने का अधिकार है। नए टैक्‍स रिजीम को आकर्षक बनाने के लिए सरकार ने पुराने टैक्‍स रिजीम की तरह 50 हजार का स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन न्‍यू टैक्‍स रिजीम में भी देने का फैसला किया है। लेकिन अब सवाल ये उठता है दोनों में से आपके लिए कौन-सी रिजीम ज्यादा बेहतर है। यानि आपको ओल्ड टैक्स रिजीम पर बने रहना चाहिए या फिर आपको न्यू टैक्स रिजीम की तरफ स्वीच करना चाहिए। अब अगर आप इसमें से किसी एक का चुनाव करने के लिए असमंजस में है तो आपकी सुविधा के लिए हम दोनों रिजीम के बारे में विस्तार से बताने जा रहे है, ताकि आप अपने लिए यूजफुल ऑप्शन चुन सकें।

New Tax Regime क्या है?

देखा जाए तो सरकार की मंशा तो यही है कि भविष्य में सिर्फ एक टैक्स रिजीम रखी जाए। ऐसे में सरकार न्यू टैक्स रिजीम को आकर्षक बनाने का हरसंभव प्रयास कर रही है। यही कारण है कि न्यू टैक्स रिजीम में कई अहम बदलाव करके उसे पहले से बेहतर बनाया गया है। इस नई व्यवस्था के तहत मौजूदा वित्त वर्ष से न्यू टैक्स रिजीम को डिफॉल्ट टैक्स स्कीम बना दिया गया है। यानि अगर आपने अपनी टैक्स रिजीम चुनने के बारे में खुद कोई फैसला करके उसकी जानकारी अपने एंप्लॉयर को नहीं दी, तो आप खुद ब खुद नई टैक्स रिजीम के दायरे में आ जाएंगे। लेकिन ये बात गौर करने लायक है कि इस नई टैक्स रिजीम में ज्यादातर टैक्स डिडक्शन और एग्जम्पशन का लाभ नहीं मिलता है। इसलिए आप अगर अब तक उनका लाभ लेते आ रहे हैं, तो नए वित्त वर्ष में अपना नफा-नुकसान समझकर वक्त रहते सही फैसला जरूर कर लें।

न्यू टैक्स रिजीम में क्या-क्या बदला है?

  • न्यू टैक्स रिजीम के टैक्स स्ट्रक्चर में अब 7 की जगह 5 स्लैब ही हैं। जिसमें 3 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है। इसके बाद 3 से 6 लाख तक 5 फीसदी, 6 से 9 लाख तक 10 फीसदी, 9 से 12 लाख तक 15 फीसदी 12 से 15 लाख तक 20 फीसदी और 15 लाख से ज्यादा आमदनी पर 30 फीसदी टैक्स लगता है।
  • वहीं सेक्शन 87A के तहत टैक्स में रिबेट की सीमा को बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया है। इसका मतलब साफ है कि 7 लाख रुपये तक की सालाना आमदनी वाले लोगों को अब न्यू टैक्स रिजीम में कोई इनकम टैक्स नहीं भरना पड़ेगा। जबकि ओल्ड टैक्स रिजीम में यह लाभ 5 लाख रुपये तक की आय पर ही मिलता है।
  • न्यू टैक्स रिजीम में पहली बार स्टैंडर्ड डिडक्शन का प्रॉफिट भी दिया जा रहा है। जो पिछले साल तक सिर्फ ओल्ड टैक्स रिजीम में ही मिलता था।
  • वेरी हाई इनकम ग्रुप यानि जिन लोगों की आय सालान 5 करोड़ रुपये से ज्यादा है, उनके लिए सरचार्ज की दर 37% से घटाकर 25% कर दी गई है।

क्या है Old Tax Regime

ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) के अनुसार 5 लाख रुपये की आय पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है, क्यूंकि इसमें आपको 12,500 रुपये तक टैक्स छूट का फायदा मिलता है। ओल्ड टैक्स रिजीम के अनुसार अब 3 लाख रुपये की इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। जबकि 3 से 6 लाख वाले स्लैब में 5 फीसदी, 6 से 9 लाख रुपये तक के स्लैब पर 10 फीसदी, 9 से 12 लाख रुपये तक के स्लैब पर 15 फीसदी, 12 से 15 लाख रुपये तक के स्लैब पर 20 फीसदी और 15 लाख रुपये से ज्यादा आय पर 30 फीसदी इनकम टैक्स देना होगा। ओल्ड टैक्स रिजीम में 6,00,000 रुपये पर कुल Total Tax Liability 33,800 रुपये बनेगी, जबकि New Tax Regime में आपकी टैक्स देनदारी 54,600 रुपये होगी। यानि, ओल्ड टैक्स रिजीम को चुनने पर आपको 20,800 रुपये की बचत होगी।

किन्हें New Tax Regime चुनना चाहिए ?

  • जिन टैक्सपेयर की आय 7 लाख रुपये तक है उनके लिए New Tax Regime बेहतर रहेगी, क्योंकि उसमें आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा। वहीं, न्यू टैक्स रिजीम में इस साल से 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिल रहा है, जो पिछले साल तक नहीं मिल रहा था।
  • अगर आप भी उन लोगों में है जिन्होंने टैक्स बचाने के लिए कोई इंवेस्टमेंट नहीं किया है, ना कि किसी तरह का कोई डिडक्शन क्लेम किया है। उनके लिए ये न्यू टैक्स रिजीम ही बेहतर है, क्योंकि नई योजना में टैक्स की दरें कम हैं और इसमें टैक्स बचाने के लिए किसी तरह का कोई इंवेस्टमेंट करने की जरूरत नहीं है।
  • जो लोग इनकम टैक्स बचाने के लिए सिर्फ 80C के तहत मिलने वाली 1.5 लाख रुपये की छूट का ही लाभ लेने वाले हैं, उनके लिए न्यू टैक्स रिजीम ही बेस्ट ऑप्शन होगी, क्योंकि उसमें आपको टैक्स की कम दरों और बेहतर स्लैब का फायदा मिलेगा।

किन्हें Old Tax Regime चुनना चाहिए ?

  • अगर आप 80C के अलावा होम लोन पर मिलने वाली टैक्स छूट का भी लाभ लेते हैं, तो आपके लिए ओल्ड टैक्स रिजीम बेहतर साबित हो सकती है। क्यूंकि इस टैक्स रिजीम में आप सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये की लिमिट में होम लोन के प्रिंसिपल री-पेमेंट पर टैक्स छूट लेने के साथ ही इंटरेस्ट री-पेमेंट पर भी 2 लाख रुपये तक की टैक्स छूट ले सकते हैं। यानि इस तरह आपको सीधे-सीधे 3.5 लाख रुपये का टैक्स डिडक्शन मिलता है, जो नई टैक्स रिजीम में उपलब्ध नहीं है।
  • जो टैक्सपेयर किराए के मकान में रहते हैं और उसके एवज में अच्छी-खासी रकम पर HRA के तहत टैक्स छूट लेते हैं, तो भी उनके लिए पुरानी टैक्स रिजीम बेहतर हो सकती है।
  • न्यू टैक्स रिजीम में LTA और प्रोफेशनल टैक्स पर मिलने वाली टैक्स छूट का लाभ भी नहीं मिलता है। ऐसे में जो इनका फायदा उठाना चाहते है उन्हें ओल्ड टैक्स रिजीम ही चुननी चाहिए।

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Meta Description : By making many important changes in the new tax regime, it has been made better than before. Under this new system, the new tax regime has been made the default tax scheme from the current financial year. That is, if you have not informed your employer about your tax regime by taking a decision on your own, then you will automatically come under the new tax regime.न्यू टैक्स रिजीम में कई अहम बदलाव करके उसे पहले से बेहतर बनाया गया है। इस नई व्यवस्था के तहत मौजूदा वित्त वर्ष से न्यू टैक्स रिजीम को डिफॉल्ट टैक्स स्कीम बना दिया गया है। यानि अगर आपने अपनी टैक्स रिजीम चुनने के बारे में खुद कोई फैसला करके उसकी जानकारी अपने एंप्लॉयर को नहीं दी, तो आप खुद ब खुद नई टैक्स रिजीम के दायरे में आ जाएंगे।

 

 

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Short Headline : New vs Old tax regime, दोनों में से कौन-सी है ज्यादा टैक्स सेविंग


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