डेंगू और चिकनगुनिया से भी खतरनाक बुखार, चलना फिरना भी हो सकता है मुश्किल

Pooja Joshi

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Langra bukhar
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Lame-fever-strikes in bihar: डेंगू (Dengue)और चिकनगुनिया(Chikangunia) के मामलों के बीच देश में एक नए तरह का बुखार चिंता का विषय बना हुआ है। इससे जुड़े अधिकांश मामले बिहार से है। इस बुखार से पैरों में दर्द होता है और चलने में परेशानी आती है। इसे लेम फीवर यानी लंगड़ा बुखार (Langra bukhar) का नाम दिया है।
खास बात ये है कि इसके लक्षण काफी हद तक डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसे ही है। तो आइए जानते है क्या है लंगडा बुखार (What is langra bukhar), इसके लक्षण क्या है (Langra bukhar symptoms)और इस लंगडा बुखार से बचाव(prevention of langra bukhar) के क्या तरीके है।

लंगड़ा बुखार क्या है? (What is Langra bukhar)

लंगड़ा बुखार एक गंभीर प्रकार का बुखार है, जो अक्सर वायरल इंफेक्शन के कारण होता है। इसका नाम लंगडा बुखार इसलिए भी पड़ा क्योंकि इस बुखार में शरीर में इतना ज्यादा दर्द होता है कि मरीज के लिए चलना-फिरना भी मुश्किल हो जाता है। सामान्यत: ये बुखार बरसात के मौसम में फैलता है और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को अपनी चपेट में ले लेता है।

लंगड़ा बुखार के लक्षण (Langra bukhar symptoms)

• शुरूआती लक्षण: सिरदर्द, थकान, तेज बुखार और भयंकर बॉडी पेन ।
• गंभीर लक्षण: जोड़ों में सूजन, चलने में दिक्कत, खड़े रहने में दिक्कत और लगातार कमजोरी।

लंगड़ा बुखार के कारण (Langra bukhar causes)

रिसर्च में ये बात सामने आई है कि यह बुखार एक वायरस के कारण फैलता है, जो मुख्य रूप से संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलता है। वायरस से संक्रमित व्यक्ति के खून में वायरस प्रवेश करता है, जो बॉडी के इम्यून सिस्टम पर अटैक करता है। यानि लंगड़ा बुखार (Langra bukhar) के संक्रमण का स्रोत मच्छर, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना है। वहीं लो इम्यूनिटी, गंदे पानी के संपर्क में आना, और संक्रमित क्षेत्र में रहने से इसके होने की संभावना बढ़ जाती है।

लंगड़ा बुखार का ट्रीटमेंट (Langra bukhar treatment)

इस बुखार का इलाज समय रहते करना बेहद जरूरी है। यानि इसकी प्राथमिक उपचार की बात करें तो सबसे पहले बुखार कम करने के लिए पैरासिटामोल जैसी दवाइयों का उपयोग किया जा सकता है। और फिर भी बुखार तीन दिनों से ज्यादा आता रहता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

लंगड़ा बुखार से बचने के उपाय (prevention of langra bukhar)

  1. चूंकि लंगड़ा बुखार मच्छरों से फैलता है, ऐसे में मच्छरों से बचाव के लिए हरसंभव तरीका अपनाए।
  2.  मच्छरदानी, मच्छर भगाने वाली क्रीम का इस्तेमाल करें।
  3. मच्छरों को पैदा होने से रोकने के लिए आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें।
  4.  बाहर का खाना से बचें।
  5. घर-परिवार में किसी के भी पैर में दर्द और सूजन जैसा कोई लक्षण नजर आए तो बि‍ना देर किए बिना तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

निष्कर्ष

लंगड़ा बुखार (Langra bukhar) एक ऐसी गंभीर स्थिति है जिसे नजरअंदाज करने की गलती भारी पड़ सकती है। समय रहते लक्षणों की पहचान और उचित इलाज से इसे कंट्रोल किया जा सकता है। वहीं हेल्दी लाइफस्टाइल और उचित डाइट से आप अपनी इम्यूनिटी स्ट्रांग रख सकते हैं, जिससे इस प्रकार के इंफेक्शन से बचा जा सकें।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

1. लंगड़ा बुखार का असर कितने समय तक रहता है?
लंगड़ा बुखार आमतौर पर 7 से 10 दिनों तक रहता है, हालांकि, समय रहते सही इलाज से इसे जल्दी ठीक किया जा सकता है।


2. क्या लंगड़ा बुखार के लिए कोई टीका है?
जी नहीं, अभी तक लंगड़ा बुखार के लिए कोई टीका नहीं है, लेकिन अगर इसके बचाव के उपायों को अपनाया जाए तो इसे रोका जा सकता है।


3. क्या घरेलू उपाय लंगड़ा बुखार को ठीक कर सकते हैं?
घरेलू उपाय राहत दे सकते हैं, लेकिन सही इलाज के लिए डॉक्टर की सलाह जरूरी है।


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